सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

कविता: "आइ है दीपावली"

 "आइ है दीपावली" 
आ गई है द्वियो का त्यौहार दिवाली,
चारो ओर छाई है खुशहाली, 
द्वियो से सजाएंगे "अपना घर" का  द्वार, 
खुसी से मनाएंगे ये त्यौहार अपना घर के परिवार। 
हम लोग कभी नहीं छुटाते है पटाके, 
क्योकि प्रदुषण से लो हो जाते है परेशान, 
हम सब हमेशा रखते है ये सब चीजों का ख्याल, 
इस लिए हम सब मानते है ग्रीन दिवाली हर साल।  
ये है द्वियो का त्यौहार,
हर साल आता है लोगो के लिए उपहार,  
हर जगह जलाते है द्विय, 
क्योकि दीपावली है द्वियो त्यौहार।  
आ गई है दीपावली है द्वियो का त्यौहार दीपावली,
चारो ओर छाए है खुशहाली , 
द्वियो से सजाएगने "अपना घर" एक द्वार ,
खुसी से मनाएंगे ये त्यौहार अपना घर के परिवार।  
कवि: नवलेश कुमार, कक्षा: 11th,
अपना घर।  
 

2 टिप्‍पणियां:

Priyahindivibe | Priyanka Pal ने कहा…

आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभेच्छा !

BAL SAJAG ने कहा…

आप को भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाए "अपना घर" की बच्चे को ओर से।