बुधवार, 15 अक्टूबर 2025

कविता: "फिलिस्तीन भी संघर्ष कर रहा है"

"फिलिस्तीन भी संघर्ष कर रहा है"
  आज़ादी का क्या मतलब है,
जहँ आज भी गुलामी बकरार है।
हुआ है जंग सुरु इजराइल और फिलिस्तीन के बिच,
बढ़ती जा रही है जलती आग की तरह।  
आज़ादी की रह पर,
लोग निकल पड़े है, लोगो की चाह पर,
है वो भी एक देश प्यारा,  
जिसे दिया देश का दर्जा है,
इजराइल रुक नहीं रहे हैं हमला करने से,
हर रोज बस मिसाइल गुरा रहा है, 
अरे! उनको मौका मत दो,
रक्त से उनका भी इतिहास लिखा जाएगा, 
हमेशा के लिए वो राजा ही कहलाएगा।  
दुनिया को रक्त से सजा रहा है, 
लोग बिन कुछ किये मृत्यु की बड़ रहे है,
दिन पर दिन लोग उन पर हावी हो रहे हैं। 
अरे! उन्हें भी जीने का हक़ दो,
ये लोगो दुनिया को बहकावा मत दो। 
मुश्किल कर देगा तेरा भी जीना,
ऊपर से निचे से निकले गए पसीना ही पसीना,
तेरा भी हो जाएगा मुश्किल जीना। 
अरे! उनमे उनका किया गलती है ,
थोड़ा बहुत तो सबके बीच में चलती है,
पर इसका ये मतलब नहीं है की तुम पूरा का पूरा पासा पलट दो। 
जिन्दा रहना तो सब के सर पर चहड़कर मत नाचो। 
कवि: नीरू कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर।  
 

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