मंगलवार, 18 मार्च 2025

कविता : " होली आई "

 " होली आई " 
आ गया है होली का त्योहार। 
आ गया है रंगो का त्योहार। 
लोग भेद - भाव जैसा नहीं करते है व्यवहार , 
चाहे हिन्दू हो या मुश्लिम , 
सब मिलकर मनाते है  त्योहार।  
खुशियाँ लहलाती धीरे - धीरे मे ,
ये है होली का त्योहार। 
खाएगे चुर्री और गुजिया ,
बटेगे सबको प्यार। 
खुशी खुशी मे मनाऐंगे ,
ये होली का त्यौहार ,
आ गया है रंगों  का त्योहार। 
कवि ; नवलेश  कुमार , कक्षा : 10th, 
अपना घर। 

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