शुक्रवार, 7 मार्च 2025

कविता: " तुम्हारे बारे में "

 " तुम्हारे बारे में " 
तुम्हे समझ नही आएगा 
इस कविता का सारांस ,
इसमें  ज्ञान की ही बाते है ,
जो सिर्फ हमको पता है। 
तुम्हे क्या पता ,तुम तो हसकर  
 निकल जाओगे। 
पर तुम्हे समझ नहीं आएगा। 
इसमें मैंने तुम्हारे बारे में ,
भी बताया है। 
जो सिर्फ आच्छी और , 
बुरी चीजों दे भरा है। 
पर तुम्हे नजर नहीं आएगा ,
तुम्हे समझ नहीं आएगा। 
 क्या कहा था तुमने ?
सिर्फ तुम्हे ही लिखना पता हैं। 
मैंने इसमें पूरा संसार रचा हैं। 
जो सिर्फ हमको पता हैं ,
 तुम्हे समझ नही आएगा।
कविः सुल्तान कुमार कक्षा: 10th 
अपना घर  

कोई टिप्पणी नहीं: