" तुम्हारे बारे में "
तुम्हे समझ नही आएगा
इस कविता का सारांस ,
इसमें ज्ञान की ही बाते है ,
जो सिर्फ हमको पता है।
तुम्हे क्या पता ,तुम तो हसकर
निकल जाओगे।
पर तुम्हे समझ नहीं आएगा।
इसमें मैंने तुम्हारे बारे में ,
भी बताया है।
जो सिर्फ आच्छी और ,
बुरी चीजों दे भरा है।
पर तुम्हे नजर नहीं आएगा ,
तुम्हे समझ नहीं आएगा।
क्या कहा था तुमने ?
सिर्फ तुम्हे ही लिखना पता हैं।
मैंने इसमें पूरा संसार रचा हैं।
जो सिर्फ हमको पता हैं ,
तुम्हे समझ नही आएगा।
कविः सुल्तान कुमार कक्षा: 10th
अपना घर
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