सोमवार, 17 मार्च 2025

कविता : " होली आई "

" होली आई " 
होली रंगो का त्यौहार हैं। 
होली में रंगो का बौछार है। 
तरह - तरह की मिठाइयाँ ,
और नमकीन का स्वाद है।
होली रंगो का त्यौहार है। 
एक - दूसरे को रंग लगाकर प्यार जताए। 
घर - घर जाकर खुशियाँ बाँट आए। 
तरह - तरह के रंगो का सिंगार है। 
बच्चे और बूढ़े रंग लगाने को त्यार हैं। 
होली का यह त्यौहार है। 
कवि : निरंजन कुमार ,कक्षा : 9th,
अपना घर। 
  

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