शीर्षक :- कैसी आजादी
आजाद देश की कैसी आजादी....
जहाँ पर भूखी, आधी आबादी,
अब बढ़ रही ज्यादा महंगाई....
अब नहीं हो पा रही कमाई,
जो गरीब है नहीं चल पा रहा खर्चा....
अमीरों को तो कोई चिंता ही नहीं,
ऐसे ही होता रहा देश में....
तो नहीं मिल पायेगा दाना पेट में,
आजाद देश की कैसी आजादी....
जहाँ पर भूखी, आधी आबादी,
अब बढ़ रही ज्यादा महंगाई....
अब नहीं हो पा रही कमाई,
जो गरीब है नहीं चल पा रहा खर्चा....
अमीरों को तो कोई चिंता ही नहीं,
ऐसे ही होता रहा देश में....
तो नहीं मिल पायेगा दाना पेट में,
कवि : ज्ञान कुमार
कक्षा : 9
अपना घर
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