शीर्षक :- मन
मन में आते है अनेक विचार....
जिसे मैं पालन करने से डरता हूँ,
न जाने किस वक्त किस घडी....
कौन सी प्रलय आ जाये,
मैं जानता नहीं....
मन के विचार भगवानों,
एवं शैतानों की तरह हैं....
जिसे मैं पालन करने से डरता हूँ,
मन में आते है अनेक विचार....
मन में आते है अनेक विचार....
जिसे मैं पालन करने से डरता हूँ,
न जाने किस वक्त किस घडी....
कौन सी प्रलय आ जाये,
मैं जानता नहीं....
मन के विचार भगवानों,
एवं शैतानों की तरह हैं....
जिसे मैं पालन करने से डरता हूँ,
मन में आते है अनेक विचार....
कवि : लवकुश कुनार
कक्षा : 9
अपना घर
अपना घर
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