शीर्षक :- सीख
ये समय है पढ़ने का....
न तो गलत करने का,
अगर हुई कुछ गलती....
अक्सर कुछ सीख देती है,
इस सीख को जब जीवन में अपनाओगे....
तभी समाज में रह पाओगे,
जो अपने जीवन में गलतियों....
की सीख को अपनाओगे,
तभी तुम एक अलग....
प्राणी कहलाओगे,
कवि : लवकुश कुमार
कक्षा : 9
अपना घर
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