सोमवार, 29 सितंबर 2025

कविता: "पेपर का आतंक"

 "पेपर का आतंक" 
आया है पेपर का दिन , 
नहीं आएगी नींद आराम के बीन। 
करना पड़ेगा अब तैयारी लाना है अच्छे नंबर। 
फिर होगा मौज मस्ती ,
होने वाला है "हाफ इयरली एग्जाम" । 
अब आया है  पेपर करने है तैयारी ,
बच्चे नहीं सौ पाते है। 
पढ़ाई करते है दिन और रात ,
पूरी रात वो करते है मेहनत।
आया है पेपर का दिन।  
कवि: नितीश कुमार, कक्षा: 6th,
अपना घर।  
 

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