मंगलवार, 16 सितंबर 2025

कविता: "रातो का राजा"

"रातो का राजा"
रात में टिमटिमाते है तारे ,
वह दिखते है आसमान में बहुत सारे। 
रात में आसमान को वो सजाते है। 
और दिन में सूरज अपनी गर्मी से लोगो को बजाते है। 
दिन में सूरज का राज रहता है। 
रात में तारो का राज रहता है। 
रात में टिमटिमाते है तारे ,
वह दिखते है आसमान में बहुत सारे।
तारे रहते है बहुत दूर ,
पर वो दिखने में कभी  नै करते है मजबूर। 
कवि: गोविंदा कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर। 

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