सोमवार, 15 सितंबर 2025

कविता: "हमारी हिंदी भाषा "

 "हमारी हिंदी भाषा "
हर भाषा अपने अंदर रंग घोलकर रखती है। 
अपने लफ्जो से दिल को सुकून दे ,
अंदर अपने कुछ ऐसा अंदाज रखती है। 
हिंदी मिश्रित  है अनेक भाषाओ की ,
पर अपने अंदर बड़ा ज्ञान का समदर रखती है। 
 हर भाषा की होती अपनी पहचान ,
हिंदी हिंदुस्तान की है जान ,
हर जब्ज में हिंदी बहेगी। 
हिन्दुस्तानियों का गौरव रहेगी ,
हर हिन्दू का हिंदुत्व दिखेगी ,
सूंदर लफ्जों से इसका गौरव सजेगा। 
मेरे तरफ से आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक सुभकामनाए !
कवि: साहिल कुमार, कक्षा : 9th,
अपना घर 

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