"मौषम बदल रहा है"
आज कल दिन बदल रहा है।
सुबह से शाम ढल रहा ,
है ये गर्मी का मौषम चल रहा है।
आजकल के मौषम में ,
हर दिन बदल रहा है।
कभी बारिश तो कभी धुप ,
आजकल ये मौषम ढल रहा हैं।
गर्मी का मौषम चल रहा है।
आजकल का दिन बदल ,
कभी गर्मी तो कभी मौषम ठंडा।
ऐसा कुछ मौषम चल रहा है ,
हर दिन मौषम बदल रहा है ,
ये गर्मी को मौषम चल रहा है।
कवि: गया कुमार, कक्षा: 5th,
अपन घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें