बाल सजग
बच्चों का आकाश .... बच्चों के लिए
सोमवार, 29 सितंबर 2025
कविता: "मन की बाते"
कविता: "मन की बाते"
सोच - सोच कर थक गया हूँ।
कब आएगा वो दिन ,
जब साथ में रहते थे ,
और साथ खेलते थे ,
कभी तो वो दिन आएगा।
जब हम साथ रहेंगे ,
अब वो दिन बीत रहे है ,
सोच - सोच कर थक गया हूँ।
कवि: रवि कुमार, कक्षा: 3rd,
अपना घर।
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