शीर्षक :- आसमान
आसमान क्यों नीला-नीला....
आम क्यों हैपीले-पीले,
बादल क्यों है काले-काले....
क्या हमने कभी ये सोंचा है,
क्या हमने कभी ये जाना है....
रूप को पहचाना है,
आखिर इनमे क्या है खास....
ये बात मुझे नहीं आ रही रास,
उनके विषय में जानना एक कला है....
उनको पहचानना एक राज है,
आसमान क्यों नीला-नीला....
हरा भरा और रसीला,
आसमान क्यों नीला-नीला....
आम क्यों हैपीले-पीले,
बादल क्यों है काले-काले....
क्या हमने कभी ये सोंचा है,
क्या हमने कभी ये जाना है....
रूप को पहचाना है,
आखिर इनमे क्या है खास....
ये बात मुझे नहीं आ रही रास,
उनके विषय में जानना एक कला है....
उनको पहचानना एक राज है,
आसमान क्यों नीला-नीला....
हरा भरा और रसीला,
कवि मुकेश :कुमार
कक्षा : 11
अपनाघर
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