शीर्षक :- कदम
इन छोटे-छोटे हाथों को....
ऊपर उठने की आजादी दो,
बंध कर धागों में....
उन पतंगों को उड़ने दो,
इन छोटे-छोटे पैरों को....
कब चलने की आजादी दो,
अब समय आ गया इनका भी....
अब ये कुछ भी करेंगे,
रुक-रुक कर जो इनके....
नन्हे-नन्हे कदम आगे बढ़ेंगे,
इनके कदमों के बढ़ने से....
यदि ये हो गए सफल,
क्योंकि ये इन्साफ की....
डगर पर, जो रहे है चल,
चल पड़े है तो अब....
ये नहीं रुकने वाले,
क्योंकि इनके कदम है....
संभल-संभल कर आगे बढ़ने वाले,
आंधी में भी ये....
तूफान की तरह बढ़ रहे है,
इनको तो अब देख-देख....
घूंसखोर भी अब डर रहे है,
चल पड़े है तो अब....
ये नहीं रुकने वाले,
क्योंकि इनके कदम संभल-संभल....
कर आगे बढ़ने वाले,
इन छोटे-छोटे हाथों को....
ऊपर उठने की आजादी दो,
बंध कर धागों में....
उन पतंगों को उड़ने दो,
इन छोटे-छोटे पैरों को....
कब चलने की आजादी दो,
अब समय आ गया इनका भी....
अब ये कुछ भी करेंगे,
रुक-रुक कर जो इनके....
नन्हे-नन्हे कदम आगे बढ़ेंगे,
इनके कदमों के बढ़ने से....
यदि ये हो गए सफल,
क्योंकि ये इन्साफ की....
डगर पर, जो रहे है चल,
चल पड़े है तो अब....
ये नहीं रुकने वाले,
क्योंकि इनके कदम है....
संभल-संभल कर आगे बढ़ने वाले,
आंधी में भी ये....
तूफान की तरह बढ़ रहे है,
इनको तो अब देख-देख....
घूंसखोर भी अब डर रहे है,
चल पड़े है तो अब....
ये नहीं रुकने वाले,
क्योंकि इनके कदम संभल-संभल....
कर आगे बढ़ने वाले,
कवि : सोनू कुमार
कक्षा : 11
अपनाघर
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