शीर्षक :- एक प्रभात
प्रभात होते ही रवि किरणे हम देखते है....
शीतल मंद एवं सुगन्धित हवा हम लेते है,
इससे ठीक रहता है हमारा स्वास्थ....
मेरे मन की है जिज्ञासा,
हवा न हो तो क्या होगा?....
जीवन क्या संभव होगा?,
थोडी ही देर मे....
फेफड़ा फूलने लगेगा,
इससे हमें यह चलता है पता....
जीवन के लिए आवश्यक है हवा,
प्रभात होते ही रवि किरणे हम देखते है....
शीतल मंद एवं सुगन्धित हवा हम लेते है,
इससे ठीक रहता है हमारा स्वास्थ....
मेरे मन की है जिज्ञासा,
हवा न हो तो क्या होगा?....
जीवन क्या संभव होगा?,
थोडी ही देर मे....
फेफड़ा फूलने लगेगा,
इससे हमें यह चलता है पता....
जीवन के लिए आवश्यक है हवा,
कवि:- चन्दन कुमार
कक्षा:- 7
अपना घर
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