शीर्षक :- दिन ने कहा
दिन ने दिनकर से कहा....
दिनकर हो तुम बड़े महान,
सुबह होते ही....
तुम मेरी गोद में,
कर देते हो उजाला....
और हो जाता है,
सभी प्राणियों का बसेरा....
तब दिनकर ने कहा,
मैं नहीं इतना महान....
मुझसे भी है कुछ और,
जो फैले चारों ओर....
दिन ने दिनकर से कहा....
दिनकर हो तुम बड़े महान,
सुबह होते ही....
तुम मेरी गोद में,
कर देते हो उजाला....
और हो जाता है,
सभी प्राणियों का बसेरा....
तब दिनकर ने कहा,
मैं नहीं इतना महान....
मुझसे भी है कुछ और,
जो फैले चारों ओर....
कवि : ज्ञान कुमार
कक्षा : 9
अपना घर
1 टिप्पणी:
इन कविताओं के लिये मुबारकबाद अभिनव बालमन 9719007153
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