शीर्षक :- पानी
बरस रहा है पानी।
अब हो रही है सभी को हानि।।
भर रहा गलियों में पानी।
अब घर से सभी को।।
निकलने में हो रही है परेशानी।
स्कूल जाने में भी हो रही है हैरानी।।
क्योंकि रोड़ो पर भरा है।
बरसात का ढेर सारा पानी।।
कहीं धंस रहीं है रोड़े।
कहीं मिल रहे बड़े-बड़े गड्डे।।
बरस रहा है पानी।
अब हो रही सभी को हैरानी।।
बरस रहा है पानी।
अब हो रही है सभी को हानि।।
भर रहा गलियों में पानी।
अब घर से सभी को।।
निकलने में हो रही है परेशानी।
स्कूल जाने में भी हो रही है हैरानी।।
क्योंकि रोड़ो पर भरा है।
बरसात का ढेर सारा पानी।।
कहीं धंस रहीं है रोड़े।
कहीं मिल रहे बड़े-बड़े गड्डे।।
बरस रहा है पानी।
अब हो रही सभी को हैरानी।।
कवि:- ज्ञान कुमार
कक्षा:- 9
अपना घर
अपना घर
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