शीर्षक :- मोबाइल गीत
ले मोबाइल चल पड़े है...
लोग मेरे साथ के,
रात दिन संलग्न रहते है....
लोग मेरे गाँव के,
अब इन्टरनेट भी....
लगवा रहें है,
ये सोंचकर कब तलक....
मेमोरी लोड करवाएंगे,
लोग मेरे साथ के....
ले मोबाइल चल पड़े है,
लोग मेरे साथ के....
बिगड़ रहा है पर्यावरण,
यह नहीं दिखता है इनको....
एस0 एम0 एस0 और फेसबुक में,
व्यस्त रहते है देर रात तक....
लोग मेरे साथ के,
ले मोबाइल चल पड़े है....
लोग मेरे साथ के,
ले मोबाइल चल पड़े है...
लोग मेरे साथ के,
रात दिन संलग्न रहते है....
लोग मेरे गाँव के,
अब इन्टरनेट भी....
लगवा रहें है,
ये सोंचकर कब तलक....
मेमोरी लोड करवाएंगे,
लोग मेरे साथ के....
ले मोबाइल चल पड़े है,
लोग मेरे साथ के....
बिगड़ रहा है पर्यावरण,
यह नहीं दिखता है इनको....
एस0 एम0 एस0 और फेसबुक में,
व्यस्त रहते है देर रात तक....
लोग मेरे साथ के,
ले मोबाइल चल पड़े है....
लोग मेरे साथ के,
कवि:- किशन व्यास
अपना घर
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