शीर्षक :- मछली
मछली का जीवन पानी के तरंगो से....
हलचल होती उसके अंगो से,
लहरों के हलचल से....
मछली ऊपर नीचे होती लहरों के तरंगो से,
मछली का जीवन उसकी उमंगो से....
मछली होती कोमल अपने अंगो से,
मछली जल की रानी है....
जीवन उसका पानी है,
कवि : हंसराज कुमार
कक्षा : 9
अपना घर
1 टिप्पणी:
Hi my little friends, how do you do?
Good one yaar.
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