शीर्षक :- शिक्षा
वह शिक्षा किस कम की....
जिसमें कोई सम्मान नहीं,
वह शिक्षा किस कम की....
जिसमें परसेंटेज नहीं,
वह सोंच विचार किस काम की....
जिसमें हर इन्सान की बात नहीं,
शिक्षा अब वही शिक्षा है....
जिसमे नंबर हो शानदार,
करें तारीफ हजार बार....
लग जाये कार्ड में हजार चाँद,
चमके जब एक साथ....
फैले प्रकाश चारों ओर,
जिसमें पथ दिखे हजारों मील....
जिसमे कहीं भी चल सको,
बंद करके अपनी आखें....
चल सको खुद को लेकर,
बनो सबका सहारा....
न खुद बनो वैशाखी का सहारा,
रहो हर पल खुद के सहारे....
शिक्षा वही शिक्षा है,
जिसमें खुद की पहचान हो....
वह शिक्षा किस कम की....
जिसमें कोई सम्मान नहीं,
वह शिक्षा किस कम की....
जिसमें परसेंटेज नहीं,
वह सोंच विचार किस काम की....
जिसमें हर इन्सान की बात नहीं,
शिक्षा अब वही शिक्षा है....
जिसमे नंबर हो शानदार,
करें तारीफ हजार बार....
लग जाये कार्ड में हजार चाँद,
चमके जब एक साथ....
फैले प्रकाश चारों ओर,
जिसमें पथ दिखे हजारों मील....
जिसमे कहीं भी चल सको,
बंद करके अपनी आखें....
चल सको खुद को लेकर,
बनो सबका सहारा....
न खुद बनो वैशाखी का सहारा,
रहो हर पल खुद के सहारे....
शिक्षा वही शिक्षा है,
जिसमें खुद की पहचान हो....
नाम : अशोक कुमार
कक्षा : 10
अपना घर
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