शीर्षक :- वर्षा
वर्षा रानी वर्षा रानी....
जल्दी तुम से आओ न,
इस सूखे भू-मण्डल पर....
पानी तुम बरसाओ न,
फिर से हरियाली आ जाये....
मखमल सी घास लहराए,
फूलों से उपवन भर जाये....
वर्षा रानी वर्षा रानी,
ऐसा जादू कर दिखलाओ....
फिर से अपने साथ वर्षा लाओ,
अपनी वर्षा की फुहारों से....
भीषण गर्मी अब दूर भगाओ,
हमें अब ठंडी हवा दे जाओ....
वर्षा रानी वर्षा रानी,
जल्दी से तुम आओ न....
वर्षा रानी वर्षा रानी....
जल्दी तुम से आओ न,
इस सूखे भू-मण्डल पर....
पानी तुम बरसाओ न,
फिर से हरियाली आ जाये....
मखमल सी घास लहराए,
फूलों से उपवन भर जाये....
वर्षा रानी वर्षा रानी,
ऐसा जादू कर दिखलाओ....
फिर से अपने साथ वर्षा लाओ,
अपनी वर्षा की फुहारों से....
भीषण गर्मी अब दूर भगाओ,
हमें अब ठंडी हवा दे जाओ....
वर्षा रानी वर्षा रानी,
जल्दी से तुम आओ न....
कवि : मुकेश कुमार
कक्षा : 11
अपना घर
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