गुरुवार, 1 अगस्त 2019

कविता : सावन की पहली बारिश

" सावन की पहली बारिश "

सावन की पहली बारिश ऐसे आया,
जैसे अँधेरे कोठरी में कोई मुशाफिर आया |
सुनशान जगह में कोई नया जीवन लाया,
हरे हुए लोगों का जोश बढ़ाया |
पूरे तरफ हरियाली ही छाई है,
लगता है कोई रौनक लाई है |
प्रकति ने अपना जलवा बिखेरा है,
जिसके कारण सबसे अच्छा सबेरा है |
ये सावन कुछ अलग से आया है,
जो सबको कुछ ज्यादा भाया है |

कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता देवब्रज के द्वारा लिखी गई जो की बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं और कानपूर के अपना घर नामक संस्था में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | देवराज को कवितायेँ लिखने के आलावा डांस करना है | देवराज एक साइंटिस्ट बनना चाहते हैं |

कोई टिप्पणी नहीं: