" मुस्कुराते फूल "
हवाओं में हिलती हुई
वह फूल जो कुछ कहना चाहती है |
अपनी सजी हुई टहनियों को लेकर,
हवाओं के साथ खेलना चाहती है |
खुशबु से तन को महकाना चाहती है
आस पास पेड़ पौधों से कहकर,
अपनी खुशबू से मन को बहलाना चाहती है |
यह फूल के पौधे हवाओं से खेलना चाहती है | |
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता सुल्तान के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं | सुलटन को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | सुल्तान क्रिकेट बहुत अच्छा खेलते हैं | सुल्तान को स्केटिंग चलना पसंद है |
1 टिप्पणी:
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