" बदला सा हूँ "
मैं थोड़ा बदला सा हूँ,
पहले थोड़ा ठीक था |
पर मैं थोड़ा पतला हूँ,
क्योंकि मैं थोड़ा बदला हूँ |
मेरे भाषण में अंतर आया है,
सोच में गहरी छाया है |
जिम्मेदारी की अहसास तो है,
पर निभाने का समय नहीं है |
मैं बहुत बार गिर कर संभला हूँ,
क्योंकि मैं थोड़ा बदला सा हूँ |
कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता देवराज के द्वारा लिखी गई है जो की बैहर के नवादा जिले के निवासी है | देवराज को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | देवराज को नई चीजों के बारे में जानकारी एकत्र करने में बहुत मज़ा आता है | देवराज पढ़ाई में बहुत अच्छा है | देवराज को कवितायेँ बहुत लिखते हैं |
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