"चिड़िया की चाह"
एक छोटी सी चिड़िया उड़ना चाहती है,
इस संसार के आसमान को छूना चाहती है |
छोटी है पर दिल के हौसले से उड़ना चाहती है,
जिन्दगी के हर रहस्य तक पहुँचना चाहती हैं |
जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की,
उस हर आश्चर्य चीज को जानना चाहती है |
नाउम्मीद अंधेरों से निकलना चाहती है,
नाउम्मीद अंधेरों से निकलना चाहती है,
वह हर डर से निडर होना चाहती है |
जिंदगी से लड़कर जीना चाहती है,
हौसलों के ताकत से उड़ना चाहती है |
नाम : विक्रम कुमार , कक्षा : 7th , अपना घर
कवि परिचय : विक्रम के चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहती है. ये मुस्कान ही इनकी ताकत है, जिसके बल पर यह अच्छी कवितायेँ लिख पाते है | कविताओं के साथ - साथ विक्रम पढाई में भी बेहतर स्थान लाते है. |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें