मंगलवार, 20 मार्च 2018

कविता :गर्मी

" गर्मी "

गर्मी के सीज़न ने ,
कर दिया सबको बेहाल | 
अमीर लोगों ने कुर्सी लेकर,
बैठेंगे पंखे के पास | 
न जाने इस गर्मी ने कर दी, 
बिजली का बिल ज्यादा |  
बिजली का बिल देखकर, 
बहा दिए पसीना | 
अब समझ में आएगा, 
गर्मी का हर एक दिन | 
गर्मी के सीज़न ने, 
बहा दिया सबका पसीना  |  

नाम : संजय कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर 


कवि परिचय : यह हैं संजय जो की झारखण्ड के रहने वाले हैं जब हजार पर थे तो इतनी अच्छी पढ़ाई नहीं थी लेकिन अपनाघर में पढ़कर कवतायें लिखने लगे हैं | स्वभाव से बहुत नरम दिल के हैं | 

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