" दिलों में मेरे ख्वाइश थी "
दिलों में मेरे ख्वाइश थी,
आँखों में अजमाइस थी |
सपने मेरे रंग बिरंगे थे,
पूरा करने को बाकि थे |
हर रास्ते में अँधेरा ही था,
उजाले की कोशिश में था |
मुझको उजाले की जरूरत थी,
राह के लिए दिल में ख्वाइस थाी |
नाम : रविकिशन , कक्षा : 8th , अपनाघर
1 टिप्पणी:
ओह ! एक भावुक कविता, सुंदर !
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