" सर्दी "
सर्दी की हुई विदाई,
आ गई है गर्मी भाई |
सूरज दादा आग उगलता,
इसमें संसार है उबलता |
मासूम से चेहरे पर पसीना भरा,
लू जिसको लगा वो मरा |
सर्दी में की है खूब मस्ती,
गर्मी में न करो जबरदस्ती |
जो इसके चक्कर में पड़ा,
उसकी सामत फिर आयी |
सर्दी की हुई विदाई,
आ गई है गर्मी भाई |
नाम : अखिलेश कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं अखिलेश मन के मौजी दिल से सच्चा | कविताओं में डैम रखते हैं और मन से लिखते हैं जिससे सभी को पढ़ने में मजे आये | बड़े होकर एक सॉकर प्लेयर बनना चाहतें हैं |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें