" काले बादल "
पहले काले बादलों ने डराया ,
फिर समंदर जैसे पानी बरसाया |
बारिश का भी दिन आया,
बूंदों का भंडार लाया |
गर्मी का तापमान गिराया,
मेंढक भी खूब टर्र टर्राया |
किसानों का भी मन बहलाय,
बंजर जमीं को खूब भिगाया |
बारिश का यही है माया,
कहीं धूप तो कहीं है छाया |
नाम : कामता कुमार , कक्षा : 6th , अपना घर
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