मछुआरे और नेवले कि दोस्ती
एक समय की बात है कि एक मछुआरा मछली मारने के लिए जाल लेकर अपने घर से नदी की ओर चला, चलते- चलते रास्ते में उसे एक बडा सा सांप मिला, वह सांप बहुत काला और खतरनाक था । वह सांप रास्ते में खड़ा हो गया और बोला कि मैं तुम्हें काटूगा । इतने में मछुआरे ने कहा कि मैंने आपका क्या बिगाडा है, जो आप मुझे काटेगें । सांप ने कहा मैं भूखा हूँ और मुझे कुछ खाने को चाहिए । मछुआरे ने कहा ठीक है जब मै मछली मारकर वापस आऊंगा , तब मैं आपको मछली दूंगा, आप उन्हें खाकर अपनी भूख मिटा लेना । सांप नें कहा कि अगर मछली न मिली तो मैं तुमको काट लूँगा मछुआरे नें कहा कि ठीक है, तो जाओ और जल्दी वापस आना, सांप ने कहा । जब मछुआरा वहां से थोडी दूर बढ़ा तो उसने देखा कि एक नेवला प्यास की वजह से चल नहीं पा रहा है । तो उस मछुआरे को दया आ गई, उसने नेवले को उठाया और पहुंच गया नदी के पास ,वहाँ जाकर नेवले को मछुआरे ने पानी पिलाया और चुप चाप एक जगह पर जाल लगाकर बैठ गया । नेवले ने पूछा कि क्या बात है तुम इतने उदास क्यों हो मछुआरे ने सारी बात बता दी । नेवले ने कहा कि तुम चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा, जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तुम्हें कुछ नहीं होगा । मछुआरे को वहाँ जाल से एक भी मछली नहीं मिली, अब मछुआरा बहुत उदास हुआ। नेवले ने कहा कि तुम घर कि ओर चलो और मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ । मछुआरे ने नेवले को अपनी पोटली में रख लिया और घर कि तरफ़ चल दिया, थोड़ी दूर चलते ही वहीं साँप रस्ते में मिला और वह फुंफकारते हुए बोला कि मछलियाँ कहाँ हैं। मछुआरे ने पोटली खोलकर नेवले को बाहर निकाल दिया । नेवला पोटली से निकलते ही साँप पर टूट पड़ा, नेवले और सांप में खूब लड़ाई होने लगी सांप को काफी चोट भी लग गई सांप वंहा से जंगल कि तरफ़ भाग निकला। मछुआरा नेवले को अपने साथ घर ले गया और इस प्रकार से घर में सही सलामत पहुच कर मछुआरे और नेवले ने साथ में कहना खाया। इस प्रकार से मछुआरे और नेवले में पक्की दोस्ती हो गई । अगले दिन से दोनों दोस्त साथ में मछली मरने जाने लगे।कहानी: आदित्य कुमार, कक्षा ६, अपना घर
5 टिप्पणियां:
Hi apka blog ek abhinav prayas hai.
meri taraf se hardik badhai
बच्चों के लिये बहुत अच्छा काम कर रहे है।मेरी बधाई स्वीकारे।
बच्चों के लिये बहुत अच्छा काम कर रहे है।मेरी बधाई स्वीकारे।
very nice story..
bahut acha blog hai main pahli bar dekh raha hu
lakin bahut he acha hai
बच्चे निसंदेह फ़रिश्ता होते हैं.आपने बहुत अच्छा संसार रचा है.हमने भी अपने बच्चों के बहाने इन मासूमों के लिए एक दुनिया बनाने की कोशिश की है.आपका स्वागत है!
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