पेड़
पेड़ है देखो कितने प्यारे।
ये तो है सबसे न्यारे ॥
पेड़ के सहारे सब जीते है।
पंछी तेरा रस पीते है ॥
फल को खाकर हम जीते है ।
छाँव में तेरे सुख पाते है ॥
तुम तो हो स्वपोषी ।
जीते तुमसे परपोषी ॥
तुमसे बहती जीवन की धारा ।
तुम तो हो जीवन का तारा ॥
तुमको हमें बचाना है ।
पेड़ों को खूब लगाना है ॥
पेड़ है देखो कितने प्यारे।
ये तो है सबसे न्यारे ॥
पेड़ के सहारे सब जीते है।
पंछी तेरा रस पीते है ॥
फल को खाकर हम जीते है ।
छाँव में तेरे सुख पाते है ॥
तुम तो हो स्वपोषी ।
जीते तुमसे परपोषी ॥
तुमसे बहती जीवन की धारा ।
तुम तो हो जीवन का तारा ॥
तुमको हमें बचाना है ।
पेड़ों को खूब लगाना है ॥
कविता: सागर कुमार, कक्षा ५, अपना घर
1 टिप्पणी:
पर्यावरण चेतना जगाती रचना, बधाई.
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