शुक्रवार, 8 मई 2009

कविता:- राजा रानी

राजा रानी
एक था राजा एक थी रानी
दोनों की है अजब कहानी
राजा करता था शिकार।
रानी बनती थी आचार॥
दोनों खाते थे आचार।
अच्छा रहता उनका विचार॥
कभी न पड़ते वे बीमार।
रहते हरदम होशियार॥
एक दिन दोनों में हो गई लड़ाई।
एक दुसरे की करी पिटाई॥
रानी जीती राजा हारा।
राजा के पास बचा न चारा॥
राजा बोला अब न करेंगे लड़ाई।
आओ एक दूजे की करे बड़ाई ॥

ज्ञान कुमार, कक्षा ५, अपना घर





2 टिप्‍पणियां:

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

सुंदर कविता! ज्ञान, बड़े होने तक तुम बहुत अच्छे रचनाकार बन चुके होओगे ... ... .

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…
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