भूख से हुई मौत
एक गाँव में एक आदमी था, वह बेचारा बहुत ही गरीब और ईमानदार आदमी था, वह अपनी टूटी हुई झोपड़ी में रहता था। उसके परिवार में उसके साथ उसकी पत्नी और एक बेटा रहता था। वह आदमी रोज काम करने दुसरे गाँव में जाता था, उससे जो भी आमदनी होती
उसी से उसके परिवार का खर्चा चलता था। जब तक वह काम करता रहा तब तक उसका घर चलता रहा, मगर एक दिन वह बीमार पड़ गया और काम पर नही जा सका। अगले दिन वो काम पर जाने की कोशिश किया मगर वह बहुँत ही कमजोर हो चुका था,
वो चाह कर भी बिस्तर पर से उठ नही सका। घर में बस थोड़ा सा आनाज बचा था, अब घर में खाने के लिए कमी होने लगी। उसका घर गाँव से थोड़ी दूरी पर था, गाँव के लोग इधर की तरफ बहुत कम ही आते थे। बारिस का समय होने के कारण अब बारिश भी शुरू हो गई थी। अचानक रातो दिन तेज बारिश होने लगी, वह बेचारा बारिश और बीमारी के कारण काम करने नही जा पा रहा था। अब उसके घर का सारा रासन खत्म हो गया सिर्फ़ पानी पीकर पूरा परिवार गुजारा करते थे, अब उन तीनो में उठने की भी ताकत धीमे-धीमे खत्म हो रही थी, धीरे- धीरे वह तीनो भूख से मरने लगे। पास के नदी का पानी बारिश के कारण उफान पर था। अगले दिन तीनो भूख से लड़ते - लड़ते अंततः मर गये... सारा दिन उनकी लाश उस टूटी झोपड़ी में पड़ी रही.. और बाहर भयंकर तूफ़ान के साथ जोरो की बारिश होती रही.... रात को नदी में जोरो की बाढ़ आ गयी और बाढ़ का पानी अपने साथ उन तीनो और उनकी टूटी झोपड़ी को इस गाँव से बहुत दूर बहा कर ले गई... जहाँ भूख से कोई नही मरता......
कहानी: आदित्य कुमार, कक्षा ६, अपना घर
पेंटिंग: सागर कुमार, कक्षा ५, अपना घर
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