"अँधेरी दुनिया"
रोशनी से भरपूर इस दुनिया में,
एक अँधेरी दुनियाँ भी मौजूद है।
जहाँ इंसान ही नहीं जानवर भी मजबूर है ,
दाने - दाने को मोहताज है लोग ,
भूखों हालत परेशान है लोग।,
गरीबी की कीरण पहुँचकर ,
आशा जगाती है उनकी, जिसकी न कोई पहचान है।
बस अँधेरे से लड़कर जीतना ,
और गरीबी में रहकर, खुश रहने ,
ये बड़ा मुशिकल और आसान है।
कवि: साहिल कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर
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