"मेरा बचपन"
गाँव में वह बचपन मेरा ,
यादो का संसार था।
खुशियो हर पल ही था ,
बड़े का प्यार ही प्यार था।
बचपन के दोस्त भी मजेदार थे ,
अनोखा राज से भरे थे।
बारिश में आँगन में खेला कप्ते थे।
कागज के नाव बनाकर,
बाँध बनाकर छोटे तलाब बनाते थे
गाँव में वह बचपन मेरा ,
खुशियों से भरा हुआ था।
कवि: अमित कुमार, कक्षा: 11th,
अपना घर।
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