रविवार, 16 नवंबर 2025

कविता: "मेरा बचपन"

"मेरा बचपन"
 गाँव में वह बचपन मेरा ,
यादो का संसार था। 
खुशियो हर पल ही था ,
बड़े का प्यार ही प्यार था। 
बचपन के दोस्त भी मजेदार थे ,
अनोखा राज से भरे थे। 
बारिश में आँगन में खेला कप्ते थे। 
कागज के नाव बनाकर,
बाँध बनाकर छोटे तलाब बनाते थे 
गाँव में वह बचपन मेरा ,
खुशियों से भरा हुआ था। 
कवि: अमित कुमार, कक्षा: 11th,
अपना घर। 

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