बुधवार, 5 नवंबर 2025

कविता: "माँ की ममता"


"माँ की ममता"
आज भी याद आती है मुझे,
वो मेरी माँ का ममता। 
जब भी मैं डरता था ,
तो वो मुझे साहस दिलाती थी ,
माँ आज तेरी बहुत याद आती है। 
 दूर रह के भी पास रहती हो ,
बार - बार मेरे सपनो में तू ही आती है। 
वैसे तो रोज तेरी याद सताती है ,
तेरी ही हर पल याद आती है ,
माँ तेरी कमी का ही अहसास होता है। 
दिल ये मेरा अभी  बच्चा है तेरी याद में बार बार रोता ,
माँ तेरी बहुत याद आती है। 
कवि: नीरु कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर। 

कोई टिप्पणी नहीं: