"स्वागत करने को तयार है"
हर कदम ,हर राह ,
परेशानियाँ परेशान करने को तयार है ,
कठिनाई तुम्हारी राह देख रही है ,
उन्हें बस तेरा स्वागत करना है।
काटे होंगे, रास्ते बहुत होंगे अपने मन को संभालना ,
फूल तो तेरे नसीब में है ही नहीं ,बस काटे से स्वागत होगा।
तेरे लिए तो आएंगे बहुत सरे पर न होंगे तुम्हारे ,
पसीना तुम्हे बहाना है , बाकी तो आएंगे देखने।
जोश तो दिलाना उनका काम है
शेरो में शेर तेरा नाम होगा।
कवि: रमेश कुमार, कक्षा: 5th,
अपना घर।
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