गुरुवार, 7 नवंबर 2019

कविता : ठण्डी

" ठण्डी "

ठण्डी आया ठण्डी आया,
साथ में अपने कोहरा लाया | 
देखने में होती सभी को दिक्कत,
धुंधला हो जाता है जगह जगह का रास्ता | 
ठण्डी आया ठण्डी आया,
साथ में अपने कोहरा लाया | 
सभी गतिविधियों में आ जाती रूकावट, 
ठण्डी है सभी के सजा की आहट | 
सभी पहन लो गर्म कपड़े की बनावट,
क्योंकि ठण्डी है मुश्किल घड़ी सजावट | 

कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता  विक्रम के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक है " ठण्डी " | विक्रम को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | बढ़ते ठंडी की और यह कवितायेँ संकेत दे रही है की सभी लोग सतर्क हो जाए | विक्रम एक ऑफिसर बनना चाहते हैं | 

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