" सर्दी "
आई प्यारी प्यारी सर्दी,
धरती ने पहन ली वर्दी |
देखो नाच रही है सर्दी,
सभी ने पहन रखी है वर्दी |
बर्फ लग रहे है समन्दर,
सब लोग चले गए घर के अंदर |
घूम घाम कर होने लगी सर्दी,
आई प्यारी प्यारी सर्दी |
धरती ने पहन ली वर्दी |
दोपहर को होती गर्मी,
शाम को मौसम बेनरमी |
रत को होतीहै सर्दी,
सुबह हो जाती है जल्दी |
आई प्यारी प्यारी सर्दी,
धरती ने पहन ली वर्दी |
देखो नाच रही है सर्दी,
सभी ने पहन रखी है वर्दी |
कवि : नवलेश कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर
कवि परिचय : कविता नवलेश के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | नवलेश ने इस कविता का शीर्षक " सर्दी " दिया है | नवलेश को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और हर हफ्ते एक कविता ज़रूर लिखते है |
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