" आज़ादी नहीं है "
हम उदास नहीं हैं,
हमें उदास कर दिया गया है |
हम हँसना चाहतें हैं ,
सबके सामने
पर हंसने नहीं दिया जाता है |
नहीं देते हमें पूरी आज़ादी,
घूमने की और कहीं जाने की |
नहीं देते आज़ादी,
अपने इच्छा को प्रकट करने की |
मन तो विचल रहा है,
पर इसे यूँ ही रोक दिया जाता है |
कवि : राज कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता राज के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " आज़ादी नहीं है " है | राज ने यह कविता किसी सन्देश पर लिखी है की कैसे अपना समाज सभी को दबाता है आज़ादी नहीं देता है |
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