रविवार, 10 नवंबर 2019

कविता : मत कर तू बुराई

" मत कर तू बुराई "

अब बहुत हो गया है भाई,
अब तू न कर मेरी बुराई |
क्योंकि करना है मुझे पढ़ाई,
अब नहीं करना है किसी से लड़ाई |
चाहे मुझे बिछानी पड़े चटाई,
फिर भी मैं करूँगा पढ़ाई |
मुझे लगता था कर नहीं पाउँगा,
उन उचाईयों को छू नहीं पाउँगा |
चाहे जो भी हो जाए करूँगा मैं पढ़ाई,
छू लूंगा मैं वो सभी उचाई |

कवि : समीर कुमार  ,  कक्षा : 9th , अपना घर 
कवि परिचय :   यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं |समीर ने इस कविता का शीर्षक " मत कर तू बुराई " है | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | समीर एक संगीतकार बनना चाहते हैं |

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