सोमवार, 23 जुलाई 2018

कविता : कोशिश करता हूँ हर रात

" कोशिश करता हूँ हर रात "

मैं बैठे - बैठे सोच रहा था ,
ठंडी हवा का मज़ा ले रहा था | 
सपनों में मैं खेल रहा था, 
छक्के - चौके जड़ रहा था | 
कितना अच्छा वो सपना था, 
जिसको मैंने सोचा था | 
बारिश की बूँदों ने मेरे, 
सपने को कर दिया समाप्त |  
उसी सपने को सोचने की ,
कोशिश करता हूँ हर रात | 

कवि : कुलदीप कुमार, कक्षा : 7th , अपना घर 




कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | कुलदीप पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं | कुलदीप एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं | कुलदीप अपनी कविताओं से लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं | इनको  क्रिकेट खेलना पसंद है | 

3 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और शिक्षाविद प्रोफ़ेसर यशपाल की प्रथम पुण्यतिथि : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सपना ज़रूर पूरा होगा ... बस कर्म करते चलो ...
अच्छा लिखा ...