" पल भर की हँसी "
क्यों उदास बैठा है मेरे दोस्त,
एक पल के लिए हँस तो सही |
हँस के तो एक बार तू देख,
सच होंगें तेरे सपने सभी |
उदास मन तेरे सोच को जमाएगा,
तेरी हँसी तेरे दुखों को पिघलाएगा |
तेरा मन प्रफुल्लित हो उठेगा,
जब तू खुल कर एक बार हँसेगा |
एक हँसी में जो बात होती है,
वह और किसी में कहाँ होती है |
तेरी हँसी से उड़ जाएंगे होश,
क्यों उदास बैठा है मेरे दोस्त |
कवि : प्रांजुल , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और अपनी पढ़ाई एक अपना घर में रहकर पूरी कर रहे हैं | प्रांजुल को गतिविधियों में हिस्सा लेने में बहुत मज़ा और मन लगाकर हर काम करता हैं | प्रांजुल बड़े होकर एक इंजीनियर बनना चाहते हैं |
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