" शीतल वायु "
ये शीतल हवा का क्या कहना,
हमको इसके बिना नहीं रहना |
गर्मी में यह हमको राहत दिलाए,
ठंडी में यह खूब हम को सताए |
जिसने इस चीज़ को बनाया है,
उसने सभी का मन भाया है |
मनुष्य इसे कर देते है बेकार,
काला धुँआ फैलाती है कार |
इससे बच्चे हो रहे हैं बीमार,
महंगे हो रहें हैं सभी उपचार |
महँगा हो रहा है साँस लेना,
बचकर तुम इस वायु से रहना |
हम सब को मिलकर शुद्ध है करना | |
कवि : कुलदीप , कक्षा : 7th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो कानपुर के अपना घर में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं | कुलदीप को डांस करने का बहुत शौक है और कवितायेँ लिखने का | कुलदीप का मन पसंद खेल क्रिकेट है और वह एक क्रिकेटर बनना चाहते हैं | कुलदीप पढ़ने में बहुत ही अच्छे हैं |
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