" बड़ी सोच होनी चाहिए "
छोटे हैं कदम तो क्या,
एक बड़ी सोच होनी चाहिए |
शरीर मर भी जाए पर,
सोच नहीं मरनी चाहिए |
तेरे सपनों के अरमान,
छूना है तुझे आसमान |
कदम रुक भी जाए पर,
सोच नहीं रुकनी चाहिए |
अपने सपनें को सजाओ,
जीत का जशन सदा मनाओ |
मंजिल ख़त्म हो जाए पर,
ऐसी सोच नहीं होनी चाहिए |
कवि : प्रांजुल, कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | प्रांजुल अपनी कविताओं के माध्यम से लोगो को प्रेरणा और जागरूक करने की कोशिश करते हैं | प्रांजुल पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं और रिसल्ट भी बहुत अच्छा लाते हैं प्रांजुल बड़े होकर एक इंजीनियर बनना चाहते हैं |
1 टिप्पणी:
बहुत अच्छे !!!
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