शीर्षक :-उम्मीद
खुद में एक उम्मीद लिए।
अपने में एक आस लिए।।
पंखो में आकाश लिए।
उड़ते चले गये हम।।
सहते हुए सभी गम।
अब गमो के पार चले हम।।
हमसे सब हार गये गम।
चलेंगे एक साथ जब।।
ये आकाश जायेगा थम।
उनको हमने हराया कुछ ऐसा।।
अब समय वापस न आएगा वैसा।
हम हो गए अब इसमें निपुण।।
आया हममें एक अच्छा गुण।
खुद में एक उम्मीद लिए।
अपने में एक आस लिए।।
पंखो में आकाश लिए।
उड़ते चले गये हम।।
सहते हुए सभी गम।
अब गमो के पार चले हम।।
हमसे सब हार गये गम।
चलेंगे एक साथ जब।।
ये आकाश जायेगा थम।
उनको हमने हराया कुछ ऐसा।।
अब समय वापस न आएगा वैसा।
हम हो गए अब इसमें निपुण।।
आया हममें एक अच्छा गुण।
कवि:- सोनू कुमार
कक्षा:- 11
अपनाघर
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुंदर बालकविता .। शुभ स्नेहाशीष दें बच्चे को ।
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