शीर्षक :- सपने में
सुबह के सुहाने मौसम में।
मैं निकल पड़ा अपने स्कूल।।
आकाश की बदरिया छाने लगी।
बुँदे बारिश के बरसाने लगी।।
मै भागा तेजी से स्कूल।
अचानक में मुझसे हुई एक भूल।।
मैं उल्टे पैर पहुंचा स्कूल।
स्कूल से कर ली कुट्टी।।
मैं सपने में मन रहा था छुट्टी।
सुबह के सुहाने मौसम में।
मैं निकल पड़ा अपने स्कूल।।
आकाश की बदरिया छाने लगी।
बुँदे बारिश के बरसाने लगी।।
मै भागा तेजी से स्कूल।
अचानक में मुझसे हुई एक भूल।।
मैं उल्टे पैर पहुंचा स्कूल।
स्कूल से कर ली कुट्टी।।
मैं सपने में मन रहा था छुट्टी।
कवि:- चन्दन कुमार
कक्षा:- 7
अपना घर
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