शनिवार, 29 सितंबर 2012

शीर्षक :- जिंदगी

शीर्षक :- जिंदगी
 जिंदगी के इस भव सागर का ।
 कोई तो किनारा होगा ।।
 मेरी इस जिंदगी मे ।
 मेरा कोई तो सहारा होगा ।।
 उस किनारे का ही तो ।
 मुझे है इन्तजार ।।
 वो जो आ जाये तो ।
 जिंदगी में मेरे आये बहार ।।
 जिंदगी बड़ी अनमोल है ।
 बिना किनारे के नहीं चलती ।।
 बचपन और बुढ़ापा दो स्टेप है इसके ।
 जो बिना सहारे के नहीं चलते।।
नाम : सोनू कुमार 
कक्षा :11
अपना घर, कानपुर  


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