शीर्षक :- सपने
सपनों को साकार किये।
आखों में एक आस लिए।।
वे आगे बढ़ते जाते है।
इच्छा अपने पास लिए।।
इच्छा बिना पूरी उनकी।
सब अधूरा सा लगता है।।
जब तक न हो लक्ष्य तो।
सब कूड़ा सा लगता है।।
सपनों को साकार किये।
आखों में एक आस लिए।।
वे आगे बढ़ते जाते है।
इच्छा अपने पास लिए।।
इच्छा बिना पूरी उनकी।
सब अधूरा सा लगता है।।
जब तक न हो लक्ष्य तो।
सब कूड़ा सा लगता है।।
कवि:- सोनू कुमार
कक्षा:- 11
अपना घर
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